शासकीय विभागों में सक्रिय दलाल व बाबू, कर रहे जमीनों में लाखों के खेल, आखिर भ्रष्टाचारियों के कब रंगेंगे हाथ, ठेका पद्धति से हो रहे अवैध काम, मंझा सुताई में लगे दल्ले व बाबू, ऊपर तक भी होती हैं बंदरबांट
नीमच। जिले में शासकीय, अवैध कब्जे व पट्टे की जमीनों को दस्तावेजों में फेरबदल कर वैध करने के अनेकों मामले सामने आते रहते हैं। जो की विभागों के ही कुछ कलंकित बाबू और पटवारियों की मिलीभगत से अंदर ही अंदर कई जमीनों के खेल हो जाते हैं, ऐसे ही अनगिनत अवैध जमीनो को वैध कर उनका नामांतरण हो चुका है। परन्तु ऐसी प्रक्रिया कही ना कही प्रशासनिक अधिकारियों पर ही सवाल खड़े करती हैं। वही लोकायुक्त की बढ़ती कार्यवाही को लेकर विभागों व आमजन के बीच कुछ दलाल अब ठेकेदार बने बैठे है, जो अवैध को वैध व नही होने वाले काम को भी करवाने सीधे विभागों से सेटिंग रखते हैं। ऐसी प्रक्रिया के लिए समझौता करवाने का कार्य इनके द्वारा किया जाता हैं। जैसा कि पिछले पार्ट में हमने बताया था कि जिले में एक ऐसा ही मामला जीरन तहसील के चीताखेड़ा क्षेत्र का सामने आया है, जहाँ पर सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार करीबन 5 बीघा भूमि में बड़ा घोटाला किया जा रहा हैं। उक्त भूमि का अलग-अलग व्यक्तियों को सौदा कर दिया गया। उक्त भूमि पट्टे की हैं, जिसका वर्तमान में नामांतरण करने का खेल प्रक्रिया में है। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि उक्त भूमि को किसी बैरागी व एक अन्य व्यक्ति ने पार्टनरशिप में खरीदकर नामांतरण के लिए विभागीय सेटलमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी। जिसमें दलालों व बाबुओ की सन्दिग्ध भूमिका बताई जा रही हैं। सूत्रों की माने तो इस गुपचुप कार्य मे दल्लों ने 10.50 लाख रूपये तय किए हैं, जो बढ़ाये भी जा सकते हैं। यहाँ तक पटवारी को भी उक्त कार्य के बदले अच्छी कीमत मिल रही हैं। उक्त कार्य को अंजाम तक ले जाने पटवारी व तहसीलदार तक भी 3.5 पेटी पहुँचाने की बात सामने आ रही हैं। उक्त मामले में पेटियों में सेटलमेंट करने की तैयारी हैं, जिसका रुपया भी दलालों के पास पहुंच गया हैं, जहाँ से भूमि स्वामी सहित बहुत सी जगह बंदरबांट की जाएगी। वही एक जानकारी में यह भी सामने आया कि पूर्व में जमीनों में भ्रष्टाचार करने के मामलों में एक बाबू भी नप गया था, जो निलंबित हो चूका था। जिसके द्वारा बहुत से बड़े कारनामे कर जमीनों के मामलों में खूब मंजा सुता, वही वर्तमान में भी शासकीय विभाग में पदस्थ बाबू व दलाल मिलकर बड़े खेल को अंजाम दे रहे हैं। इनके सेटलमेन्ट भी विभागों से हटके विश्वसनीय गुमटीयो व कचोरी की दुकानों में होते है, जो लिफाफे व कागजो में लेन देन कर किसी को भनक तक नही लगने देते। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता हैं कि क्या जमीनों में हो रहे खेल पर उच्च अधिकारियों को संज्ञान नही हैं? विभाग में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर आखिर कार्यवाही होगी? या ऐसे ही भ्रष्टाचार का कद्दू कट के बटता रहेगा। वही ऐसे कई मामले हैं जिसमें दलाल काम करवा चुके है जिसमें अन्य कई नामचीन नेता भी शामिल हैं, वही कैलाश, श्यामू व दिनेश नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनकी अगली खबर में खुलासा होगा, बने रहिए हमारे साथ
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