अपना उल्लू सीधा कर गौशाला का हो रहा संचालन, चर्चित गोपाल गौशाला में नहीं थम रहा धांधली का खेल, आरोपों में घिरी गौशाला में कलेक्टर को किया जा रहा गुमराह
नीमच। जिले में अनेकों गौशाला संचालित हो रही हैं, गौशाला का मुख्य उद्देश्य गौसेवा कर गौमाता पर हो रहे अत्याचार को रोकना हैं। इसके विपरीत जिले की सबसे बड़ी गौशाला कहि जाने वाली गोपाल गौशाला फिर से इन दिनों सुर्खियों में हैं। अंधेरी नगरी चौपट राजा की तर्ज पर गौपाल गौशाला संचालित हो रही हैं। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि बघाना स्थित गोपाल गौशाला में बीते करीब 14 सालों से गौशाला के चुनाव नहीं हुए, जिसका मुख्य कारण वर्तमान में बैठे पदाधिकारी अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। वही एक जानकारी यह भी निकल कर सामने आ रही हैं कि कागजों में संपत पटवा गौशाला के अध्यक्ष हैं तो अध्यक्ष का कार्य पारस पटवा कर रहे हैं। बताते चले कि गोपाल गौशाला में भारी भ्रष्टाचार होने का अंदेशा हैं, जिसको लेकर कई बार गौशाला सुर्खियां बटोर चुकी हैं। गोपाल गौशाला गौमाता के नाम पर अवैध वसूली, आवक-जावक का हिसाब ना होना, गौशाला में अनियमितता होना ऐसे कई आरोपों से घिरी हुई हैं। सूत्र बताते हैं कि गोपाल गौशाला में संपत पटवा, अनंत पटवा और पारस पटवा द्वारा विगत 14 वर्षों से लोगों द्वारा दिए गए दान का दुरुपयोग किया जा रहा है। वही वर्षभर में गौसेवक करोड़ो रुपयों का दान गौशाला को देते हैं, जिसका हिसाब ना होना गौभाड़ की भांति उपयोग में आ रहा है। बता दे कि गौशाला में करीब 700 से 800 गौमाता हैं जिनका मुख्यमंत्री अनुदान योजना के तहत प्रतिदिन एक गौमाता के आहार का 40 रुपए गौशाला को मिलता हैं। वही 20 रुपये एक बछड़े के आहार के लिए मिलते हैं। इसके बावजूद गौशाला में गौमाता को भूखा रहना पड़ रहा हैं। गोपाल गौशाला के हालातों को कई बार कलेक्टर के समक्ष भी गौसेवकों ने रखा परन्तु कोई सुनने वाला नही हैं। कई ज्ञापन पूर्व में दिए गए, यहाँ तक की शिवसेना ने गौशाला में भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को लेकर भूखहड़ताल भी की, 9 दिन भूखहड़ताल पर बैठे शिवसेना के ओमप्रकाश भाटी ने बताया था कि गौशाला की 100 बीघा जमीन है, जिसमें से 50 बीघा जमीन लीज पर दे रखी है। इसके अतिरिक्त 10 बीघा जमीन पर गोदाम बनाकर किराए दिए गए हैं। वर्तमान में गौशाला के माईबाप बने हुए संपत पटवा, पारस पटवा, अनन्त पटवा तीनों मिलकर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो यह जानकारी भी सामने आई है कि गोपाल गौशाला की दुधारू गायों का दूध भी इन्ही सेठ जी के घर जाता हैं।
सूत्र बताते हैं कि वर्षो से गौशाला के चुनाव नही हुए हैं, जिसको लेकर कई बार कहने पर वर्तमान पदाधिकारी टालमटोल करते नजर आते हैं। ऐसे में यह पदाधिकारी अपने आप में आजीवन होकर कार्य कर रहे हैं। जिसमें कोई बोलने व सुनने वाला नही हैं। वही गौपाल गौशाला का एक वाक्या तो ऐसा भी सामने आया कि गौशाला में भूसा भरवाने पर किसान के रुपयों की बंदरबांट कर ली गई और ढाई साल से किसान से टालमटोल की जा रही हैं। दरहसल धनेरिया कला निवासी बाबूलाल राठौर से हमारे द्वारा जब फोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि ढाई साल पहले मेरे द्वारा गोपाल गौशाला में 5 रुपये प्रति किलो से 25 हजार का भूसा भरवाया गया था। जिसका पारस पटवा, संपत पटवा व अनन्त पटवा द्वारा रुपयों का भुगतान नही किया। कई बार मेरे द्वारा रुपयों की मांग की गई, गौशाला जा जाकर चप्पल घिस गई, परन्तु इनके द्वारा रुपये नही दिए गए, उल्टा धमकी दी जाती हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता हैं कि क्या जिला कलेक्टर का इस और ध्यान नहीं है? या बिना पद के गौशाला संचालित करने वाले अपना ऐसे ही हित साधते रहेंगे। अब देखना यह होगा कि गौशाला में गौमाता के नाम से हो रही धांधली पर कोई कार्यवाही होती हैं, अगली खबर के लिए बने रहे हमारे साथ….
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