सरवानिया महाराज। नगर सरवानिया महाराज में दिनांक में 12-10-2024 को नगर परिषद द्वारा दशहरा उत्सव का आयोजन नगर के हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में रखा गया था। जिसमें नगर व आसपास के क्षेत्र की जनता बड़ी संख्या में उपस्थित हुई। नगर परिषद द्वारा दशहरा उत्सव में रावण दहन और नाइट आर्केस्टा रंगारंग कार्यक्रम में अच्छा खासा खर्चा भी किया गया। लेकिन नगर परिषद द्वारा नगर के प्रतिष्ठित, वरिष्ठजनों व पूर्व पार्षदो को नजरअंदाज किया गया और उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया। जिससे उनके अनुभव का लाभ व सहयोग नहीं मिलने से तथा अनुभव की कमियों के चलते नगर में दशहरा उत्सव व रावण दहन में कई प्रकार की कमिया देखने को मिली। जो नगर में जनचर्चा विषय बन गई। दशहरा उत्सव मंच पर पहले से आर्केस्ट्रा रंगारंग कार्यक्रम तय था। जिस पर जनता के मनोरंजन के लिए नाच गाना होना तय था, उसी मंच पर एन वक्त पर हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन रख दिया गया, जिसमें हिंदू परंपरा व विधि विधान के नियमों का कोई पालन नहीं किया गया। जबकि नगर में रामायण मंडल के द्वारा वर्षों से सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाता हैं, मण्डल को कई वर्षों का अनुभव भी है इसके बावजूद नगर परिषद इस उदासीनता से रामायण मण्डल को आमंत्रित नही किया गया। जबकि उनका सहयोग लेकर हनुमान चालीसा का पाठ नियम व विधि विधान अनुसार उचित मंच पर संपन्न किया जा सकता था। लेकिन रामायण मंडल के सदस्यों को हनुमान चालीसा के पाठ में आमंत्रित नहीं किया l नगर के कई वरिष्ठजन रामायण व रामलीला का काफ़ी अनुभव रखते हैं। जिनको आमंत्रित कर पूरा सहयोग लेकर रावण दहन के कार्यक्रम अच्छे से संपन्न किया जा सकता था। लेकिन उनको भी कार्यक्रम में तवज्जो नहीं दिया गया l जिससे रावण दहन में कई प्रकार की कमिया व खामिया रह गई। रावण दहन में आतिशबाजी की भारी कमी देखी गई और रावण के पुतले को जलाने की पर्याप्त सामग्री व पटाखे की पूरी व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते पतले, दुबले रावण के पुतले के हाथ व मुंह जलने से रह गये। जिससे रावण दहन पूरा नहीं हुआ। अधजले रावण के पुतले को नगर परिषद के कर्मचारियों ने रस्सी व तार हिलाकर जमीन पर गिराने के लिए मंचासीन अतिथियों व जनता, दर्शकों के सामने काफी मशक्कत की। जो उस समय काफी जनचर्चा का विषय बनी, रावण को निर्धारित समय से एक घंटे बाद दहन किया गया, जिससे जनता को काफी इंतजार का सामना करना पड़ा। नगर के वरिष्ठजनों के अनुभव का रावण दहन में लाभ और उनके सहयोग से रावण के पुतले को सही गति दी जा सकती थी। सरवानिया महाराज में विगत दिनों गौरक्षा दल द्वारा एक शाम गौ माता के नाम से विशाल भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया था। जिसमें नगर परिषद का असहयोगात्मक रवैया रहा था। जो पिछले दिनो काफ़ी जनचर्चा विषय रहा था। इसी प्रकार नगर के वरिष्ठजनों और पूर्व पार्षदो को दशहरा उत्सव कार्यक्रम में नजरअंदाज किया गया और रावण दहन में जो कमियां रही वो एक बार फिर नगर में जनचर्चा का विषय बनी हुई हैं।
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