भोपाल एमडी ड्रग्स फैक्ट्री का बड़ा सिंडिकेट, मादक पदार्थ तस्करी के तार से तार जुड़े, गिरफ्तार तस्कर उगल रहे राज, शोएब लाला अब भी फरार, तीन को भेजा जेल, अब तक 400 किलो ड्रग्स खपा चुके आरोपी, टेलीग्राम पर होता था मादक पदार्थ की तस्करी का पूरे खेल
मंदसौर। बगरोदा की फैक्ट्री में पकड़े गए 1814 करोड़ के मैफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। तीन आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया हैं। वही सरेंडर करने वाले आरोपी प्रेमसुख ने अपने पैर पर गोली मारकर अस्पताल में भर्ती होने का खेल रच लिया जिससे वह पूछताछ से बच सके। खास बात तो यह हैं कि इन तस्करों के सिंडिकेट द्वारा दो खेप में 400 किलों ड्रग्स खपाने की जानकारी भी निकल कर आई हैं। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो इस अवैध साम्राज्य को चलाने के लिए पूरे चैनल से काम किया जाता था। राजस्थान के फरार शोएब लाला के पास ड्रग्स पहुंचाने के लिए हरीश आंजना ने हूटर लगी कारों का इस्तेमाल किया। हरीश आंजना और शोएब लाला की कड़ी मजबूत कराने में प्रेमसुख पाटीदार का अहम किरदार रहा। जांच में पता चला है कि ड्रग्स छिपाने के लिए शोएब लाला ने प्रतापगढ़ में गोदाम बना रखा था। यहां से इम्स देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई किया जा रहा था ड्रम्स अब तक कहां और कैसे पहुंचाया गया। इसका खुलासा शोएब लाला के पकड़े जाने के बाद होगा। रविवार को एनसीबी ने प्रेमसुख पाटीदार के गांव में दबिश दी। इससे पहले एनसीबी भोपाल में कई सन्देहियों से पूछताछ कर चुकी है। इधर भोपाल में फैक्टरी का प्लॉट बेचने वाला जयदीप सिंह अब भी पुलिस पकड़ से बाहर है। ड्रग्स का गोरखधंधा राजस्थान निवासी शोएब लाला ने प्रतापगढ़ जिले में सप्लाई का सेंटर बना रखा था। जहाँ डिलीवरी के लिए आरोपियों ने अनोखा तरीका अपनाया था। पहचान छिपाने के लिए आरोपी द्वारा खेप को खास पीले रंग की पॉलीथिन में पैक करते थे। जिस शहर में इस माल की डिलीवरी करनी होती थी, वहां आउटर में माल को सुबह 3-4 बजे के बीच ही छोड़ा जाता था। यहां से माल देने वाला टेलीग्राम पर लाइव लोकेशन सेंड करता था। माल उतारने वाला इस लोकेशन के आधार पर पहुंचता और पीली रंग की पॉलीथिन में बंद माल को उठाकर ले जाता। वॉट्सऐप पर भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया में बंद पड़ी फर्नीचर फैक्ट्री में अवैध रूप से तस्करों के तार देश के आधा दर्जन राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े हैं। वही पूरे काले कारोबार के मास्टर माइंड मंदसौर के रहने वाले हरीश आंजना द्वारा माल को सडक़ मार्ग से एक से दूसरे राज्य पहुंचाई जाती थी। ड्रग्स की खेप डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए शोएब लाला दूर खड़ा रहकर निगरानी करता था। माल रिसीव करने के बाद टेलीग्राम में रिसीव्ड का मैसेज किया जाता था। आपको बताते चले कि पुलिस रिमांड पूरी होने पर सोमवार को एनसीबी ने अमित चतुर्वेदी, सान्याल बाने और मंदसौर के हरीश आंजना को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया हैं। इन नशे के सौदागर हरीश आंजना, शोएब लाला, प्रेमसुख पाटीदार, अमित चतुर्वेदी, सान्याल बाने द्वारा राज्य के कोने कोने में अपना अवैध कारोबार का सिंडिकेट फैला दिया था। तीनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शोएब ने फैक्ट्री को लेकर पूरी प्लानिंग पहले से की थी। सान्याल बाने जब मुंबई की ऑर्चर रोड जेल से बाहर आया तो उससे संपर्क किया और फैक्ट्री लगाने का काम सौंपा। सान्याल बाने ने एनसीबी को बताया जेल में रहते हुए मैंने तय किया था कि अब ड्रग्स स्मगलिंग का काम नहीं करूंगा। जब जेल से छूटा तो शोएब का कॉल आया। उसने मुझसे जिस अंदाज में बात की, में मना नहीं कर सका। शोएब ने मुझसे कहा था कि फैक्ट्री का पूरा काम में ही देखूंगा। ये बहुत सेफ है। किसी को इसकी भनक तक नहीं लगेगी। एटीएस एनसीबी के विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों आरोपी 26 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल रिमांड पर रहेंगे। जेल में तीनों को विशेष निगरानी में रखा जाएगा।
हांलाकि केस की मुख्य कड़ी शोएब लाला अब तक पकड़ में नहीं आया है। उसके पकड़े जाने के बाद आगे के नेटवर्क का खुलासा होगा। इस मामले में एनसीबी अब तक 15 से ज्यादा संदेहियों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें भोपाल और मंदसौर के संदेही शामिल है। अब इसमें आरोपी प्रेमसुख पाटीदार से पूछताछ होना है। पैर में गोली मारने के बाद सरेंडर करने वाले प्रेमसुख के ठीक होने का इंतजार है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। वही इस पूरे मामले में फरार शोएब लाला द्वारा इस अवैध कारोबार को बढ़ाने के लिए अलग अलग राज्य के सीमावर्ती जिलों में यह डील की जाती थी। इसके लिए सभी आरोपी लग्जरी कारों का इस्तेमाल करते थे। वही हरीश के पास पांच लग्जरी कारें होने की जानकारी मिली है। प्रेमसुख के पास तीन लग्जरी कारें हैं। इन आठ कारों के जरिए ही ड्रग्स का नेटवर्क चलता था। एमपी की सीमा के बाहर भी इन्हें कारों के जरिए माल पहुंचाया जाता था। कच्चा माल ट्रांसपोटर्स के माध्यम से बगरोदा की फैक्ट्री तक लाया जाता था। एनसीबी ने भोपाल के पांच ट्रांसपोटर्स से भी पूछताछ की है। प्रेमसुख के घर से उसके रिश्तेदारों की मौजूदगी में तलाशी ली गई। इस दौरान बैंक अकाउंट डिटेल, जमीन के कागजात, आधार, पैन कार्ड मिले जिन्हें जप्त किया गया। वही अस्पताल में भर्ती प्रेमसुख के ठीक होने का इंतजार किया जा रहा हैं ताकि उससे पूछताछ में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। फरार आरोपी शोएब की तलाश जारी हैं।
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