जमुनिया खुर्द में हुई आंगनवाड़ी सहायिका की फर्जी दस्तावेजों से कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति, उज्जैन में हुई कार्यकर्ता की धुनाई के बाद गड़े मुर्दे उखड़ रहे, आधार में गड़बड़ी, जांच के बाद भी कार्यवाही नहीं, अधिकारियों की हैं लापरवाही या फिर इसके पीछे भ्रष्टाचार का खेल, डीपीओ पर भी लगे आरोप

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नीमच। जिले की कई आंगनवाड़ी केंद्रो पर गड़बड़ झाला रुकने का नाम नही ले रहा है। जांच पर दोषी पाए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अभी भी जमी हुई हैं। जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित पाए जाने पर कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा बनाए गए पंचनामें पर वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आंगनवाड़ी में नियुक्ति भी धड़ल्ले से चल रही हैं। दोनों ही मामलों में शिकायत के बाद भी मामला दबाया जा रहा है।

सरपंच और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का उज्जैन में वीडियो वायरल के बाद हुआ पर्दा फाश, डीपीओ पर भी लगे आरोप…
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ताराचंद मेहरा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ग्राम सावन की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अनुपस्थित रहने पर सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा 6 सितंबर 2024 को पंचनामा एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर राजनीतिक दबाव के चलते श्री मेहरा द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का उज्जैन में सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली और उसकी दूसरी पत्नी के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, इसके बाद वास्तविकता उजागर हुई है।

फर्जीवाड़ा कर किया कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ हुई शिकायत….
अनीता पिता सोहनलाल खारोल निवासी ग्राम जमुनिया खुर्द ने कलेक्टर नीमच को एक आवेदन दिया है। इस आवेदन में बताया गया है कि जमुनिया खुर्द में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जानी थी। जिसके लिए नियमों को ताक पर रखते हुए गीताबाई पति मुन्नालाल को नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। जिसकी वास्तविक उम्र 52 वर्ष है। नियमानुसार 45 वर्ष से अधिक उम्र के अभ्यर्थी को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भ्रष्टाचार करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गीता बाई की नियुक्ति कर दी गई है। अनीता खारोल ने बताया कि वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त की गई गीताबाई जब महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायिका के रूप में नियुक्त हुई थी, तब उसने आधार कार्ड एवं अंक सूची प्रस्तुत की थी। जिसके अनुसार गीताबाई की उम्र 52 वर्ष हो गई है। जबकि वर्तमान में गीताबाई ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए है, वह जालसाजी पूर्वक, हेर फेरकर प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक आधार कार्ड में गीता बाई की जन्म तारीख वर्ष 1979 की है वहीं दूसरे आधार कार्ड में गीता बाई की जन्म तारीख 5 अक्टूबर 1972 दर्शाईं गई है। इस तरह एक ही आवेदक ने दो-दो आधार कार्ड की छायाप्रति से शासकीय सेवा का लाभ लिया है। जबकि नियमानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अभ्यर्थियों की उम्र 45 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदक कक्षा 12वीं उत्तीर्ण हो एवं यदि सहायिका के रूप में कार्यरत हो तो उसे 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। इस पूरे मामले की शिकायत अनिता बाई द्वारा की जाकर कठोर कार्यवाही की मांग की हैं। शिकायतकर्ता अनिता खारोल ने बताया कि मेरे द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी को अवगत करा दिया गया था, इसके बावजूद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गीताबाई की नियुक्ति कर दी गई। जिस पर कलेक्टर से शिकायत की है। उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वही इसमें जमुनियां खुर्द सरपंच देवकरण गुर्जर का कहना है कि ग्राम पंचायत जमुनिया खुर्द में गीताबाई पति मुन्ना लाल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त हुई है। यह बात सही है कि उनके रिकॉर्ड में दो अलग-अलग आधार कार्ड लगे हुए हैं, दोनों में जन्म तारीख अलग-अलग अंकित है।

वही इस मामले में सूत्र यह भी बताते हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी ताराचंद मेहरा द्वारा फर्जी तरीके से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति दी गई जिसमें मोटी रकम का भी लेन देंन किया गया है।

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