7800 वर्ग फिट की शासकीय भूमि का बड़ा घोटाला, सरपंच सचिव की मिलीभगत से भूमाफियाओं ने किया लाखो का खेल, कलेक्टर का एक्शन मोड़, सचिव निलंबित, क्या भूमाफियाओ पर होगी कार्यवाही..?, राजनीतिक आड़ में फर्जीवाड़ा कर तैयार किए दस्तावेज

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नीमच। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की भूमाफियाओं पर लगातार गाज गिर रही हैं। और खुले मंच से अवैध कार्य, फर्जीवाड़ा करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश हैं। प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव के राज में अवैध भूमि घोटाले करने वाले अधिकारीयों व भूमाफियाओ पर सख्त कार्यवाही देखी जा रही है। जहाँ अवैध कार्य करने वालों के लिए सख्त माने जाने वाले जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा अवैध कार्य पर लगाम लगाने का कार्य कर रहे है। परन्तु कुछ अधिकारी व भूमाफिया भी अपने अवैध कार्य करने से बाज नहीं आ रहे है। भाजपा के शासन में राजनीति का चोला ओढ़ कुछ पदाधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर शासकीय जमीनों की खरीद फरोख्त में लगे हुए हैं। एक ऐसा ही मामला नीमच जिले के समीपस्थ ग्राम पंचायत धामनिया से सामने आ रहा है, जहाँ धामनिया पंचायत सरपंच भारती पति बाबूलाल रावल ओर सचिव नंदकिशोर मालवीय द्वारा भूमाफियाओ की मिलीभगत से शासकीय जमीन का फर्जी पट्टा जारी कर बड़ा खेल कर दिया। उक्त भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र भूमि सर्वे नम्बर 174 में 7800 वर्गफीट का पंचायत कार्यालय द्वारा जारी किया गया है, परंतु मौका जांच में उक्त स्थान ग्राम धामनिया स्थित शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 32/1 पर जीर्ण शीर्ण कच्चा मकान पाया गया। जिसको ग्राम पंचायत धामनिया की सरपंच भारती रावल, उनके पति बाबूलाल रावल व सचिव नन्दकिशोर मालवीय पिता रतनलाल ने उक्त शासकीय भूमि में ग्राम रामनगर निवासी सीताबाई पति स्व.सूरजमल बंजारा को ग्राम धामनिया निवासी बताते हुए एक भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र प‌ट्टा खुली भूमि व मकान नम्बर 18 की भूमि का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। वही सीताबाई पति सूरजमल बंजारा ने उक्त शासकीय भूमि को षडयंत्र करते हुए शुभम रामसेवक शर्मा, विरेन्द्र कुमार अहीर को पांच लाख आठ हजार रूपये में विक्रय कर दिया। जिसके विक्रय पत्र की रजिस्ट्री उप पंजीयक कार्यालय नीमच में हुई है, उक्त शासकीय भूमि की खरीद फरोख्त में जितेन्द्र यादव निवासी हनुमंतिया व्यास और जितेन्द्र मेघवाल निवासी जमुनियाकलां भी शामिल है, जिसमें गवाह जितेन्द्र अहीर है जो की खरीददार विरेन्द्र कुमार अहीर का सगा भाई है। जिसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा उक्त मामले में संज्ञान लेते हुए पंचायत सचिव नंदकिशोर मालवीय को निलंबित कर जाँच के आदेश दिए गए, वही बताया जा रहा है पूर्व में भी इन भूमाफियाओ द्वारा जमीन घोटाले के कई मामले सामने आए है, परन्तु राजनितिक शरण होने के कारण इन पर किसी तरह की कार्यवाही ना होकर जाँच विचाराधीन तक अटकी हुई है। अब बड़ा सवाल यह हैं कि उक्त मामले में भी जमीन घोटाला करने वाले शुभम शर्मा ओर वीरेंद्र अहीर को दोषी पाए जाने पर क्या कार्यवाही होंगी या जाँच तक सिमित रहकर विचाराधीन में मामला चलता रहेगा..?

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