रिश्वत लेते पटवारी पर लोकायुक्त की कार्यवाही, कहा तक पहुँचता हैं रिश्वत का पैसा, पूर्व में सुर्खियों में रहने वाले फिर आए सामने, बटवारे में रिश्वत की मांग में हुए थे निलंबित, वायरल ऑडियो में साहब तक पहुँचाने थे 25 लाख
नीमच। किसी भी प्रकरण में या अन्य कोई मामले में शासकीय विभाग में रिश्वत का खेल खेला जाता है। और रिश्वत लेते पकड़े जाने पर छोटे-छोटे कर्मचारियों पर ही गाज गिरती है। जबकि पर्दे के पीछे बैठे बड़े अधिकारी नकाब ओढे रहते हैं जो कभी सामने नही आते, जिसका हर्जाना छोटे कर्मचारियों को भुगतना पढ़ता है। ऐसे में जो मुख्य रूप से दोषी होता हैं उसका कुछ नही बिगड़ता। दरहसल हम एक ऐसे ही मामले की बात कर रहे हैं जिसमें बता दे कि बीते दिनों नीमच तहसील के ग्राम घसुंडी बामनी अन्तर्गत आने वाले हल्का नंबर 5 पटवारी दिनेश चोरडिया को लोकायुक्त की टीम ने 7000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। शिकायतकर्ता पारसमल शर्मा की शिकायत पर लोकायुक्त उज्जैन ने कार्यवाही की थी। जिसमे फरियादी से पटवारी द्वारा 21000 रुपए बटवारे के नाम पर राशि की मांग की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिस प्रकरण में रिश्वत मांगी जा रही थी वह प्रकरण तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल के समक्ष था। जो तहसीलदार अक्सर चर्चाओं में रहते है। वही पूर्व में भी मल्हारगढ़ तहसील में पदस्थ रहते हुए तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल ने काफ़ी सुर्खियां बटोरी हैं। जहाँ दो भाइयों के बटवारे के प्रकरण में आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए बिना जांच पड़ताल के नामांतरण कर दिया था। वही पूर्व में पटवारी की रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें पटवारी 25 लाख रुपए साहब को देने की बात कर रहा था। और 50 लाख रुपये की मांग कर रहा था। हालांकि उक्त रिकॉर्डिंग की पुष्टि दबंग मालवा नहीं करता है। परन्तु वह रिकॉर्डिंग के वायरल होने के बाद तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल को निलंबित किया गया था। बताते चले कि तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल ने 87000 वर्ग फिट भूमि का बिना जाँच पड़ताल के नामांतरण कर दिया था और साथ ही शासकीय सड़क को भी दूसरों के नाम कर दिया था। ऐसे में अब बात घसुंडी बामनी की करें तो बड़ा सवाल यह उठता हैं कि जिस प्रकरण में पटवारी दिनेश पर लोकायुक्त की कार्यवाही हुई वह प्रकरण नीमच तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल के पास है। जिसमें भी यह जानकारी निकल कर आ रही हैं कि पटवारी द्वारा साहब तक पैसे देने की बात कर रिश्वत ली जा रही थी। अब देखना यह होगा कि रिश्वत के इस खुले खेल में कोई उच्च अधिकारी भी सामने आएगा या मामला यही तक सीमित रह जाएगा?
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